SBI New Banking Rules – अगर आप भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई के ग्राहक हैं तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है बैंक ने अपने ग्राहकों को राहत देते हुए 2025 से मिनिमम बैलेंस के नियमों में बदलाव किया है। अब ग्राहकों को अपने खाते में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की जरूरत नहीं होगी इस कदम से लाखों खाताधारकों को फायदा होगा खासकर उन लोगों को जो छोटे स्तर पर बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते हैं और मिनिमम बैलेंस की पेनल्टी से बचना चाहते हैं।
एसबीआई के नए नियम 2025 से लागू होंगे और इसके तहत बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। पहले ग्राहकों को खाते में एक निश्चित न्यूनतम राशि बनाए रखनी पड़ती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा इससे उन ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा जो सीमित इनकम के कारण अकाउंट में बैलेंस बनाए रखने में असमर्थ होते थे।
एसबीआई के नए मिनिमम बैलेंस नियमों के मुख्य बिंदु
- मिनिमम बैलेंस: शून्य यानी कोई अनिवार्यता नहीं
- लागू होने की तारीख: 9 जनवरी 2025
- पेनल्टी: नहीं लगेगी
- अकाउंट टाइप: बेसिक सेविंग्स अकाउंट
- एटीएम कार्ड: मुफ्त बेसिक रुपे डेबिट कार्ड
- चेकबुक: उपलब्ध नहीं होगी
- मासिक निकासी सीमा: 4 मुफ्त निकासी एसबीआई और अन्य बैंक एटीएम दोनों से
- ब्याज दर: 2.70% जो कि 10 करोड़ से कम बैलेंस पर लागू होगी
कौन से खाते पर होगा असर
एसबीआई अपने ग्राहकों को कई तरह के सेविंग्स अकाउंट उपलब्ध कराता है जिनमें से कुछ पर नए नियम लागू होंगे जबकि कुछ खाते पुराने नियमों के अनुसार ही संचालित होंगे आइए जानते हैं कौन-कौन से खाते इस बदलाव से प्रभावित होंगे।
बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA)
- मिनिमम बैलेंस: ₹0
- अधिकतम बैलेंस: कोई सीमा नहीं
- पात्रता: सभी भारतीय नागरिक जिनके पास वैध KYC दस्तावेज हैं
- एटीएम कार्ड: मुफ्त रुपे डेबिट कार्ड
- चेकबुक: उपलब्ध नहीं
- निकासी सीमा: महीने में 4 बार मुफ्त निकासी
बेसिक स्मॉल सेविंग्स अकाउंट
- मिनिमम बैलेंस: ₹0
- अधिकतम बैलेंस: ₹50,000
- पात्रता: 18 साल से ऊपर के नागरिक जिनके पास आधिकारिक KYC दस्तावेज नहीं हैं
- मासिक निकासी सीमा: ₹10,000 कुल 4 निकासी की अनुमति
नए नियमों के फायदे और नुकसान
एसबीआई के नए मिनिमम बैलेंस नियमों के कुछ प्रमुख फायदे और नुकसान भी हैं आइए जानते हैं इन बदलावों से ग्राहकों को किस तरह का लाभ और नुकसान हो सकता है
फायदे:
- कोई पेनल्टी नहीं: अब ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा।
- बैंकिंग आसान होगी: कम आय वाले लोग भी आसानी से बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- बचत में सहूलियत: लोग अपनी पूरी रकम निकाल सकते हैं जिससे जरूरत पड़ने पर पैसे का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- वित्तीय समावेशन: यह कदम उन लोगों के लिए मददगार होगा जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से दूर थे।
नुकसान:
- सीमित सुविधाएं: बेसिक सेविंग्स अकाउंट में चेकबुक जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
- निकासी की सीमा: महीने में केवल चार बार ही पैसे निकालने की अनुमति होगी।
- अडवांस्ड बैंकिंग सुविधाएं नहीं: ग्राहकों को सिर्फ बेसिक बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी जबकि अन्य प्रीमियम अकाउंट्स में अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती हैं।
एसबीआई के अन्य सेविंग्स अकाउंट
अगर आप एक ऐसा अकाउंट चाहते हैं जिसमें अधिक सुविधाएं मिलें तो एसबीआई के अन्य सेविंग्स अकाउंट भी देख सकते हैं जिनमें मिनिमम बैलेंस की जरूरत होती है लेकिन सुविधाएं ज्यादा मिलती हैं।
एसबीआई सेविंग्स प्लस अकाउंट
- मिनिमम बैलेंस:
- मेट्रो और अर्बन: ₹10,000
- सेमी-अर्बन: ₹5,000
- रूरल: ₹2,000
- सुविधाएं: फ्री चेकबुक, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग
एसबीआई मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम (MODS)
- मिनिमम बैलेंस: ₹10,000
- विशेषता: ऑटो स्वीप फैसिलिटी, उच्च ब्याज दर
एसबीआई एनआरआई अकाउंट
- मिनिमम बैलेंस:
- NRE अकाउंट: ₹1,000
- NRO अकाउंट: ₹1,000
- विशेषता: विदेशी मुद्रा में लेनदेन की सुविधा
अन्य बैंकों के नियमों से तुलना
एसबीआई ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है लेकिन अन्य बैंकों में अभी भी मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता है आइए जानते हैं प्रमुख बैंकों के मिनिमम बैलेंस नियम:
- एचडीएफसी बैंक: मेट्रो और अर्बन में ₹10,000 सेमी-अर्बन में ₹5,000 और रूरल में ₹2,500
- आईसीआईसीआई बैंक: मेट्रो और अर्बन में ₹10,000 सेमी-अर्बन में ₹5,000 और रूरल में ₹2,000
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB): मेट्रो में ₹10,000 अर्बन में ₹5,000 सेमी-अर्बन में ₹2,000 और रूरल में ₹1,000
भविष्य में क्या बदलाव आ सकते हैं
एसबीआई के इस फैसले का भारतीय बैंकिंग सेक्टर पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा अन्य बैंकों पर भी अपने मिनिमम बैलेंस नियमों को बदलने का दबाव बढ़ सकता है आने वाले समय में अन्य बैंक भी इस तरह के बदलाव कर सकते हैं जिससे वित्तीय समावेशन और ज्यादा बढ़ेगा।
एसबीआई का यह फैसला उन ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद है जो बैंकिंग सेवाओं का सरल और सुविधाजनक उपयोग करना चाहते हैं हालांकि जिन ग्राहकों को ज्यादा सुविधाएं चाहिए वे प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट्स पर विचार कर सकते हैं। कुल मिलाकर यह कदम बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।