RBI NEW RULE : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में क्रेडिट स्कोर से जुड़ी कुछ अहम नीतियों में बदलाव किए हैं, जो ग्राहकों के लिए बड़े फायदे की बात हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य ग्राहक की सुविधा बढ़ाना और उनके हितों की रक्षा करना है। तो, आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में, जो न केवल लोन प्रक्रिया को सरल बनाएंगे, बल्कि ग्राहकों को उनकी क्रेडिट स्थिति को लेकर पूरी जानकारी भी देंगे।
क्रेडिट स्कोर होगा हर 15 दिन में अपडेट!
अब से, ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा। यह अपडेट हर महीने की 15 तारीख और महीने के आखिरी दिन किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि ग्राहक अब अपनी क्रेडिट स्थिति को हमेशा ताजा और सही देख सकेंगे। इससे उन्हें अपने स्कोर में बदलाव का पता चल सकेगा, और वे इसे सुधारने के लिए कदम उठा सकते हैं।
बैंक को सूचित करना होगा!
अगर बैंक या एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां) ग्राहक का क्रेडिट स्कोर चेक करती हैं, तो उन्हें एसएमएस या ईमेल के माध्यम से इस बारे में ग्राहक को सूचित करना होगा। इससे ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर की गतिविधियों पर नज़र रख सकेंगे और किसी भी बदलाव से पहले ही अवगत हो सकेंगे।
लोन रिजेक्शन का कारण बताना अब जरूरी!
अब से, अगर किसी ग्राहक का लोन आवेदन रिजेक्ट होता है, तो बैंक को उसका कारण बताना होगा। इससे ग्राहकों को अपनी क्रेडिट स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी और वे समझ सकेंगे कि उन्हें लोन क्यों नहीं मिला।
मुफ्त में मिलेगा क्रेडिट रिपोर्ट!
हर साल, क्रेडिट कंपनियों को ग्राहकों को मुफ्त में अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करनी होगी। यह रिपोर्ट उनके वेबसाइट पर उपलब्ध होगी, ताकि ग्राहक आसानी से इसे एक्सेस कर सकें और अपनी क्रेडिट स्थिति का मूल्यांकन कर सकें।
डिफॉल्ट की सूचना पहले मिलेगी!
अगर ग्राहक किसी लोन में डिफॉल्ट करता है, तो बैंक या संस्था को पहले उन्हें सूचित करना होगा। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के जरिए दी जाएगी, ताकि ग्राहक समय रहते अपने कर्ज की स्थिति सुधार सकें।
शिकायत निवारण में तेजी!
अब अगर किसी ग्राहक को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट या स्कोर से संबंधित कोई शिकायत हो, तो उसे 30 दिनों के भीतर निपटाया जाएगा। अगर कोई बैंक इस समय सीमा का उल्लंघन करता है, तो उस पर प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन और बैंक को 21 दिन का समय मिलेगा शिकायतों का समाधान करने के लिए।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी जरूरी!
क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए, बैंकों को अब नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे। इस अधिकारी का काम होगा कि वह ग्राहकों की शिकायतों का समाधान जल्दी और सही तरीके से करें।
आरबीआई के ये नए कदम ग्राहक के हित में हैं और इससे वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी। इन बदलावों से न केवल ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि उन्हें अपनी क्रेडिट स्थिति को सुधारने के लिए भी ज्यादा अवसर मिलेंगे। अब क्रेडिट स्कोर को लेकर किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति कम हो जाएगी और लोग अपने वित्तीय भविष्य के बारे में और ज्यादा जागरूक होंगे।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।