Ration Card e- KYC Online – राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके तहत वे अब घर बैठे ही अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। यह सेवा “मेरा केवाईसी” ऐप के माध्यम से फरवरी के अंत तक उपलब्ध होगी। पहले लाभार्थियों को बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए राशन दुकानों पर जाना पड़ता था, जो बुजुर्गों और बच्चों के लिए मुश्किल था। अब नई फेशियल ई-केवाईसी प्रणाली के माध्यम से चेहरों की पहचान से सत्यापन होगा, जिससे प्रक्रिया अधिक आसान और सुविधाजनक होगी। इस पहल का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को बेहतर बनाना और सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर लाभ प्रदान करना है।
राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी की नई सुविधा
राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए एक नई सुविधा शुरू करने का ऐलान किया है, जिससे अब वे घर बैठे ही अपना ई-केवाईसी (ई-गवर्नेंस आधारित पहचान प्रमाण) करवा सकेंगे। यह सुविधा फरवरी महीने के अंत तक ‘मेरा केवाईसी’ ऐप के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगी। इस कदम से राशन कार्ड धारकों को अब सरकारी राशन दुकानों पर जाकर अपनी पहचान साबित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे आसानी से अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया घर बैठे पूरी कर सकते हैं।
राज्य के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में करीब 1 करोड़ 68 लाख राशन कार्ड धारक हैं जो अंत्योदय और प्राथमिकता परिवार से संबंधित हैं। इन सभी को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत राशन दिया जाता है। साथ ही यह भी बताया कि राज्य में कुल 6 करोड़ 81 लाख 57 हजार 56 राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी करना आवश्यक है। जिनमें से अब तक 2 करोड़ 48 लाख 77 हजार 940 लाभार्थियों ने अपनी ई-केवाईसी नहीं करवाई है। इसका मतलब है कि लगभग 36.32 प्रतिशत लाभार्थियों का ई-केवाईसी बाकी है।
पहले की प्रक्रिया और समस्याएं
पहले राशन कार्ड धारक अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए राशन की दुकानों पर जाते थे। वहां उन्हें आधार कार्ड नंबर या 10 अंकों वाला राशन कार्ड नंबर देना पड़ता था। इसके बाद, उन्हें अपनी अंगुली का निशान पॉस मशीन पर लगाना होता था, जिसके बाद बायोमेट्रिक प्रमाणिकरण होता था। हालांकि, कई बार अंगूठे का मिलान न होने के कारण बुजुर्गों और 12 साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक प्रमाणिकरण संभव नहीं हो पाता था। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों के लिए भी कई बार राशन दुकानदार सहयोग नहीं करते थे, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अब एक नई सुविधा ‘फेशियल ई-केवाईसी’ की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया के जरिए राशन कार्ड धारक बिना किसी परेशानी के अपने घर बैठे ही ई-केवाईसी करवा सकते हैं। इस नए बदलाव से विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
फेशियल ई-केवाईसी की प्रक्रिया
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने ‘मेरा केवाईसी’ नामक एक ऐप तैयार किया है, जिसके माध्यम से राशन कार्ड धारक अब अपनी पहचान सत्यापित कर सकेंगे। इस ऐप की मदद से ई-केवाईसी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी और इसके लिए राशन कार्ड धारकों को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित होगी, क्योंकि इसमें चेहरे की पहचान के आधार पर सत्यापन होगा।
इस सुविधा के शुरू होने से राशन कार्ड धारक बहुत आसानी से अपनी पहचान सत्यापित कर पाएंगे, और किसी भी तरह के बायोमेट्रिक मिलान की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। अधिकारी ने बताया कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग और एनआईसी के बीच जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस समझौते के बाद राज्य के सभी जिलों में लाभार्थी राशन कार्ड धारक अपने घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
लाभ और महत्वपूर्ण बिंदु
इस सुविधा से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि राशन कार्ड धारक अब बिना राशन दुकानों पर जाने के अपने ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और प्रवासी मजदूरों के लिए यह सुविधा वरदान साबित होगी, क्योंकि अब उन्हें अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं होगी। इससे राज्य में राशन वितरण प्रणाली की पारदर्शिता भी बढ़ेगी, और इस प्रक्रिया के जरिए और अधिक लाभार्थियों को राशन उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इसके अलावा, ई-केवाईसी की इस नई प्रक्रिया से राशन कार्ड धारकों को सरकारी योजनाओं का सही और समय पर लाभ मिलेगा। इससे राशन वितरण में भी सुधार होगा और राज्य की खाद्य सुरक्षा योजना में कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
इस नई ई-केवाईसी सुविधा का लाभ उठाकर राशन कार्ड धारक अपनी पहचान को आसानी से प्रमाणित कर सकेंगे और सरकारी राशन योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठा सकेंगे। यह कदम राज्य सरकार की तरफ से एक अहम प्रयास है, जो डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। साथ ही यह राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा, जिससे उन्हें अब और ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आखिरकार, इस सुविधा के शुरू होने से राज्य सरकार की राशन वितरण प्रणाली में और सुधार होगा, और इससे राज्य के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को समय पर और सही राशन मिल सकेगा। इस सुविधा का सही तरीके से उपयोग होने से राशन कार्ड धारकों की संख्या में भी वृद्धि होगी, और यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
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