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आज पेट्रोल-डीजल हुआ सस्ता! टंकी फुल कराने से पहले जान लें ताजा कीमतें – Petrol Diesel Rate

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Petrol Diesel Rate – भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोज बदलाव होता है और हर सुबह 6 बजे तेल विपणन कंपनियाँ (OMC) नए दाम जारी करती हैं। इसका असर हर आम आदमी पर पड़ता है, क्योंकि ईंधन की बढ़ती कीमतें न सिर्फ गाड़ियों का खर्च बढ़ाती हैं, बल्कि अन्य चीजों के दामों पर भी असर डालती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आपके शहर में आज के पेट्रोल और डीजल के दाम क्या हैं, यह कीमतें कैसे तय होती हैं और आगे क्या बदलाव हो सकते हैं।

आपके शहर में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट

देशभर के अलग-अलग शहरों में आज पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:

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शहरपेट्रोल (रुपये/लीटर)डीजल (रुपये/लीटर)
दिल्ली94.7287.62
मुंबई103.4489.97
कोलकाता103.9490.76
चेन्नई100.8592.44
नोएडा94.6687.76
लखनऊ94.6587.76
बेंगलुरु102.8688.94
हैदराबाद107.4195.65
त्रिवेंद्रम107.6296.43
जयपुर104.8890.36

अगर आप अपने शहर के ताजा पेट्रोल-डीजल रेट जानना चाहते हैं, तो आप एसएमएस के जरिए भी पता कर सकते हैं।

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  • इंडियन ऑयल (IOCL): शहर कोड के बाद “RSP” लिखकर 9224992249 पर भेजें
  • बीपीसीएल (BPCL): 9223112222 पर “RSP” भेजें
  • एचपीसीएल (HPCL): 9222201122 पर “HP Price” भेजें

पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं

भारत में ईंधन की कीमतें कई फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:

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  1. अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम – भारत अपनी 85% तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, इसलिए यदि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में भी पेट्रोल और डीजल महंगा हो जाता है।
  2. रुपये की डॉलर के मुकाबले स्थिति – अगर भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो ईंधन आयात महंगा पड़ता है और इसकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
  3. सरकारी कर और डीलर मार्जिन – केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाती हैं, जिससे हर राज्य में इसकी कीमत अलग-अलग होती है।
  4. डीलर्स का कमीशन – पेट्रोल पंप मालिकों को भी एक निश्चित कमीशन मिलता है, जो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जुड़ जाता है।

हर राज्य में तेल की कीमत अलग क्यों होती है

भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम हर राज्य में अलग-अलग होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह टैक्स स्ट्रक्चर है। केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाती हैं, जिससे हर राज्य में कीमतें अलग होती हैं।

उदाहरण के लिए, मुंबई और हैदराबाद में पेट्रोल-डीजल महंगा है, क्योंकि यहाँ पर वैट की दरें दिल्ली या लखनऊ के मुकाबले अधिक हैं।

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क्या पेट्रोल-डीजल के दामों में जल्द गिरावट आ सकती है

वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं। अगर इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम कम होते हैं और डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होता है, तो पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सकता है।

सरकार भी समय-समय पर एक्साइज ड्यूटी और वैट में कटौती करके जनता को राहत देने की कोशिश करती है। हालांकि, मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर नहीं हैं, इसलिए फिलहाल पेट्रोल और डीजल के दामों में बड़ी गिरावट की उम्मीद कम ही है।

बढ़ती तेल कीमतों का असर आम आदमी पर

पेट्रोल और डीजल सिर्फ गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ता है। जब तेल महंगा होता है, तो परिवहन लागत बढ़ती है, जिससे सब्जियां, दूध, राशन और अन्य जरूरी चीजें भी महंगी हो जाती हैं।

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इसके अलावा, कई इंडस्ट्रीज जैसे कि ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और खेती भी ईंधन पर निर्भर करती हैं। अगर तेल महंगा होगा, तो इन सेक्टर्स में भी खर्च बढ़ेगा, जिससे देश में महंगाई दर बढ़ सकती है।

सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे नियंत्रित कर सकती है

तेल की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार कई कदम उठा सकती है, जैसे:

  1. टैक्स में कटौती – केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए टैक्स को कम करके राहत दे सकती हैं।
  2. घरेलू उत्पादन बढ़ाना – अगर भारत अपनी तेल रिफाइनिंग और उत्पादन क्षमता को बढ़ाए, तो आयात पर निर्भरता कम होगी और कीमतें स्थिर रह सकती हैं।
  3. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना – सरकार अगर इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी पर ज्यादा ध्यान दे, तो पेट्रोल-डीजल की मांग कम होगी और कीमतें स्थिर रह सकती हैं।

हर दिन बदलती तेल की कीमतें आम आदमी की जेब पर असर डालती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम पेट्रोल-डीजल के दामों को ट्रैक करें और अपने बजट के हिसाब से खर्च की योजना बनाएं। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निकट भविष्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना कम है। अगर सरकार टैक्स में कटौती करती है या घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा देती है, तो आम जनता को कुछ राहत मिल सकती है।

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Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

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