Advertisement
Advertisement

अब कोई नहीं कर पाएगा आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा, ये दस्तावेज़ है रेंट एग्रीमेंट से भी तगड़ा – Lease and License

Advertisement

Lease and License – आजकल मकान मालिकों के लिए अपने संपत्ति को किराए पर देना आम बात हो गई है, लेकिन साथ ही यह एक चुनौती भी हो सकती है। एक बड़ा डर जो मकान मालिकों को सता सकता है, वह है उनके द्वारा किराए पर दी गई संपत्ति पर कब्जा होने का। कई बार किरायेदार मकान या दुकान पर लंबे समय तक रहने के बाद उसे अपनी संपत्ति मान लेते हैं, जिससे मकान मालिकों को परेशानी होती है। ऐसे मामलों से बचने के लिए एक दस्तावेज़ है, जिसे “लीज और लाइसेंस” (Lease and License) कहा जाता है। यह दस्तावेज़ मकान मालिक के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित करता है और रेंट एग्रीमेंट से भी ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है।

लीज और लाइसेंस डॉक्यूमेंट: क्या है और क्यों है यह खास

 लीज और लाइसेंस एक कानूनी दस्तावेज़ है, जो मकान मालिक को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि किरायेदार पर किसी प्रकार का कब्जा नहीं होगा। इस दस्तावेज़ के माध्यम से मकान मालिक अपने अधिकारों को संरक्षित रख सकता है और यह रेंट एग्रीमेंट से अधिक मजबूत और प्रभावी है। रेंट एग्रीमेंट की तुलना में लीज और लाइसेंस का निर्माण अधिक सुरक्षित होता है, क्योंकि इसमें किरायेदार को किसी भी तरह का संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार नहीं मिलता। इसके तहत, मकान मालिक को पूरी तरह से संपत्ति का मालिकाना हक बरकरार रहता है, जबकि किरायेदार को सिर्फ रहने का अधिकार होता है, लेकिन संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता।

Advertisement

रेंट एग्रीमेंट और लीज और लाइसेंस में अंतर

 रेंट एग्रीमेंट और लीज और लाइसेंस दोनों ही मकान मालिक के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। रेंट एग्रीमेंट आमतौर पर 11 महीने के लिए होता है, जबकि लीज और लाइसेंस की अवधि 12 महीने से अधिक हो सकती है। साथ ही, रेंट एग्रीमेंट ज्यादातर रिहायशी संपत्तियों के लिए होता है, जबकि लीज और लाइसेंस आवासीय और वाणिज्यिक दोनों प्रकार की संपत्तियों के लिए लागू होते हैं।

Also Read:
48 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स की बल्ले-बल्ले, सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी के साथ मिलेगा 2 महीने का एरियर – 7th pay commission

लीज और लाइसेंस का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें किरायेदार को संपत्ति पर किसी प्रकार का अधिकार नहीं मिलता। इसके अलावा, यह दस्तावेज़ मकान मालिक को “लाइसेंसर” और किरायेदार को “लाइसेंसी” के रूप में पहचानता है। रेंट एग्रीमेंट में यह स्पष्ट रूप से नहीं होता है, लेकिन लीज और लाइसेंस में यह प्रावधान शामिल होता है कि किरायेदार को संपत्ति पर कोई भी अधिकार नहीं होगा।

Advertisement

लीज और लाइसेंस के फायदे

 लीज और लाइसेंस के कई फायदे होते हैं जो मकान मालिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दस्तावेज़ मकान मालिक को संपत्ति पर कब्जे का डर पूरी तरह से दूर करता है। इसके अलावा, लीज और लाइसेंस की अवधि लचीली होती है, यानी यह 10 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है, जो किरायेदार और मकान मालिक की जरूरतों के अनुसार तय की जा सकती है।

इसके अलावा, लीज और लाइसेंस में ऐसे कानूनी प्रावधान होते हैं जो संपत्ति पर किसी भी प्रकार के अधिकार को प्रतिबंधित करते हैं। यदि कोई किरायेदार लीज और लाइसेंस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करता है, तो वह संपत्ति पर किसी भी तरह का अधिकार नहीं प्राप्त कर सकता। यह मकान मालिक के हित में पूरी सुरक्षा प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर किसी भी प्रकार का कब्जा नहीं होगा।

Advertisement
Also Read:
BSNL 180 Days Recharge Plans BSNL का बड़ा धमाका! सिर्फ ₹5/दिन में 180 दिन तक अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा BSNL Recharge Plans 2025

लीज और लाइसेंस को बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें

 लीज और लाइसेंस का दस्तावेज़ बनवाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, इसे स्टांप पेपर पर नोटरी के साथ तैयार किया जाना चाहिए। रेंट एग्रीमेंट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं होता, लेकिन लीज और लाइसेंस में यह विशेष रूप से उल्लेख किया जाता है कि किरायेदार संपत्ति पर किसी भी रूप में हक नहीं जमा सकता। इसके अलावा, लीज और लाइसेंस में यह भी उल्लेख किया जाता है कि यदि किरायेदार किसी प्रकार से संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

लीज और लाइसेंस के बारे में कानूनी जानकारी

 लीज और लाइसेंस एक कानूनी दस्तावेज़ होता है और इसके द्वारा मकान मालिक के हितों की पूरी सुरक्षा होती है। यह दस्तावेज़ मकान मालिक को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि किरायेदार केवल रहने का अधिकार रखता है, लेकिन संपत्ति पर किसी प्रकार का अधिकार नहीं होगा। इससे मकान मालिकों को संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

इसके अलावा, लीज और लाइसेंस दस्तावेज़ का एक और फायदा यह है कि यह मकान मालिक और किरायेदार के बीच के संबंधों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करता है। यह दस्तावेज़ दोनों पक्षों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करता है, जिससे किसी भी प्रकार के विवाद की संभावना कम हो जाती है।

Also Read:
सरकार का बड़ा ऐलान! केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा इजाफा, जानें कितना बढ़ा DA – DA Hike Update

आजकल के समय में मकान मालिकों को अपनी संपत्ति पर कब्जे का डर होना एक सामान्य बात है, लेकिन लीज और लाइसेंस दस्तावेज़ इस डर को पूरी तरह से दूर कर सकता है। यह दस्तावेज़ मकान मालिक के हितों को पूरी सुरक्षा प्रदान करता है और किरायेदार को संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं देता। रेंट एग्रीमेंट के मुकाबले, लीज और लाइसेंस अधिक सुरक्षित और प्रभावी साबित हो सकता है। अगर आप अपने संपत्ति को किराए पर देना चाहते हैं, तो लीज और लाइसेंस डॉक्यूमेंट बनवाने का विचार करें, ताकि आपकी संपत्ति पर कब्जा होने का कोई खतरा न हो।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

Leave a Comment

Whatsapp group