Advertisement
Advertisement

1 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर होंगे बंद, फर्जी दस्तावेज पर सिम लेने वालों की मुश्किलें बढ़ीं – Fake Sim Card Ban

Advertisement

Fake Sim Card Ban – फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड लेने वालों पर अब सख्त कार्रवाई की तैयारी हो रही है। एक चौंकाने वाले खुलासे के बाद यह सामने आया है कि 1.16 लाख सिम कार्ड गलत कागजातों के आधार पर जारी किए गए थे। इन सिम कार्डों का इस्तेमाल मुख्य रूप से साइबर ठगी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में किया गया। दूरसंचार विभाग ने इन सिम कार्डों की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कैसे हुआ खुलासा

साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के दौरान जांच में यह सामने आया कि इन फर्जी सिम कार्डों का उपयोग ठगी के मामलों में किया जा रहा था। जब इन मामलों की गहराई से जांच हुई, तो पाया गया कि कई उपभोक्ताओं ने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर सिम कार्ड हासिल किए थे। इसके बाद दूरसंचार विभाग ने इन सभी फर्जी सिम कार्डों को ब्लॉक करने और इनके धारकों पर कार्रवाई का निर्णय लिया।

Advertisement

सत्यापन प्रक्रिया और आगे की योजना

दूरसंचार विभाग के उप महानिदेशक (सुरक्षा) सूर्य प्रकाश ने बताया कि सभी सिम कार्ड धारकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अगर किसी ने गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, तो उसका सिम कार्ड तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

Also Read:
रेलवे का तोहफा! अब बिना रिजर्वेशन भी मिलेगी सीट, रेलवे ने शुरू की ये 8 नई ट्रेनें, जानें रेलवे की नई योजना – IRCTC New Trains

कौन-कौन से जिले प्रभावित

सबसे ज्यादा फर्जी सिम कार्ड वाले मामले बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गोपालगंज, सीवान, मधुबनी, दरभंगा और नालंदा जिलों से सामने आए हैं। इन जिलों में हजारों उपभोक्ताओं ने गलत कागजात देकर सिम कार्ड खरीदे। अब इन सभी उपभोक्ताओं को चिह्नित किया जा चुका है और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

Advertisement

सिम विक्रेताओं की भूमिका पर भी सवाल

जांच में यह बात भी सामने आई है कि इन फर्जी सिम कार्डों की खरीद-फरोख्त में सिम विक्रेताओं की भी अहम भूमिका रही है। कई विक्रेताओं ने बिना सही दस्तावेजों की जांच किए ही सिम कार्ड जारी कर दिए। कुछ मामलों में तो एक ही व्यक्ति के नाम पर दर्जनों सिम कार्ड जारी किए गए। विभाग ने इन सिम विक्रेताओं से भी जवाब तलब किया है और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।

कैसे होता है फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल

साइबर अपराधों में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। ठगी करने वाले लोग इन सिम कार्डों का इस्तेमाल बैंकिंग फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल सेंटर चलाने और अन्य गैरकानूनी कामों के लिए करते हैं। इन सिम कार्डों के जरिए अपराधी आसानी से अपनी पहचान छुपा लेते हैं।

Advertisement
Also Read:
Recharge की झंझट खत्म! 336 दिन तक अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा – Jio का धमाकेदार ऑफर – Jio Cheapest Plan

सिम कार्ड लेने वालों को सावधानी बरतने की जरूरत

सिम कार्ड खरीदते समय ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सही और वैध दस्तावेजों का ही इस्तेमाल करें। फर्जी दस्तावेज देकर सिम कार्ड लेने वाले लोग न केवल कानून तोड़ते हैं, बल्कि वे खुद को गंभीर मुश्किलों में भी डाल सकते हैं। ऐसे मामलों में जेल तक की सजा हो सकती है।

आगे की कार्रवाई और सरकार की योजना

दूरसंचार विभाग ने फर्जी सिम कार्डों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब सिम कार्ड लेने के लिए दस्तावेजों का और सख्ती से सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा, जिन सिम विक्रेताओं ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनके लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं।

नए नियमों के तहत क्या होगा बदलाव

सरकार अब सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त करने पर विचार कर रही है। इसके तहत कस्टमर का फिजिकल वेरिफिकेशन भी जरूरी किया जा सकता है। साथ ही, एक व्यक्ति के नाम पर सीमित संख्या में ही सिम कार्ड जारी किए जाने का नियम लागू किया जा सकता है।

फर्जी सिम कार्डों पर कार्रवाई से साइबर अपराधों में कमी आने की उम्मीद है। इससे सिम विक्रेताओं को भी सतर्क रहना होगा और ग्राहकों को अपने दस्तावेजों की सच्चाई पर ध्यान देना होगा। सरकार और दूरसंचार विभाग की यह पहल न केवल सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि आम जनता को भी फर्जीवाड़े से बचाने में मददगार साबित होगी।

Also Read:
जियो का सबसे सस्ता प्लान लॉन्च! 30 दिन तक अनलिमिटेड कॉलिंग और हाई-स्पीड डेटा, जानिए पूरी डिटेल – Jio 30 Days Recharge Plan

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

Leave a Comment

Whatsapp group