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बदल गए Fixed Deposit के नियम! मार्च 2025 से पहले जान लें ये बड़े बदलाव – Bank FD New Guidelines

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Bank FD New Guidelines – अगर आप अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक बढ़िया विकल्प है। लेकिन मार्च 2025 से बैंक एफडी के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका असर सीधे आपके निवेश पर पड़ेगा। इन नए नियमों से ब्याज दरों, टैक्स, निकासी प्रक्रिया और ऑटो-रिन्यूअल पर बड़ा असर पड़ेगा। ऐसे में, अगर आप भी एफडी कराने की योजना बना रहे हैं, तो पहले इन बदलावों को समझ लेना जरूरी है।

एफडी पर ब्याज दरों में बदलाव

मार्च 2025 से बैंकों ने एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों में कुछ बदलाव किए हैं। यह बदलाव बैंक की तरलता, आर्थिक स्थिति और नीतियों के आधार पर होंगे।

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  • ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव: अब बैंक अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से एफडी की ब्याज दरों को अधिक फ्लेक्सिबल बना सकते हैं।
  • छोटे निवेशकों पर असर: खासतौर पर वे निवेशक जो 1 से 5 साल की अवधि के लिए एफडी कराते हैं, उन्हें नई दरें प्रभावित कर सकती हैं।
  • अलग-अलग बैंकों की दरों में अंतर: कुछ प्राइवेट बैंक अभी भी ऊंची ब्याज दरें दे रहे हैं, जबकि बड़े सरकारी बैंकों में ब्याज दरें थोड़ी कम हो सकती हैं।

एफडी पर टैक्स नियमों में बदलाव

अगर आप एफडी में निवेश करते हैं, तो टैक्स के नियम भी आपके लिए मायने रखते हैं। मार्च 2025 से टैक्सेशन में कुछ अहम बदलाव हुए हैं:

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  • TDS कटौती की सीमा घटी: पहले एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) तक कोई TDS नहीं लगता था। अब यह सीमा घटाकर 30,000 रुपये कर दी गई है।
  • ऑटोमैटिक टैक्स डिडक्शन: अब बैंक आपके PAN कार्ड के आधार पर सीधे टैक्स कटौती करेगा।
  • ब्याज पर बढ़ा टैक्स: अगर आपकी एफडी से होने वाली आय आपके टैक्स स्लैब में आती है, तो अब आपको ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है।

प्रीमैच्योर निकासी (समय से पहले एफडी तोड़ना) के नियम सख्त हुए

अब एफडी को समय से पहले तोड़ना आसान नहीं होगा।

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  • बढ़ी हुई पेनल्टी: पहले मामूली चार्ज देकर एफडी तोड़ी जा सकती थी, लेकिन अब अधिक जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • लॉक-इन पीरियड: कुछ विशेष एफडी योजनाओं में लॉक-इन पीरियड बढ़ा दिया गया है, जिससे निकासी और मुश्किल हो सकती है।
  • बैंकों की सख्ती: कुछ बैंक अब प्रीमैच्योर निकासी पर अधिक पेनल्टी वसूल रहे हैं, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

एफडी ऑटो-रिन्यूअल के नए नियम

बैंकों की ऑटो-रिन्यूअल प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं।

  • कम ब्याज दर पर ऑटो-रिन्यूअल: अगर आपकी एफडी मैच्योर हो जाती है और आपने इसे ऑटो-रिन्यू मोड पर रखा है, तो अब नई एफडी उस समय की ब्याज दर पर रिन्यू होगी, जो पहले से कम हो सकती है।
  • ग्राहक की मंजूरी जरूरी: अब कुछ बैंक ग्राहकों से पहले अनुमति लेंगे, फिर ही उनकी एफडी को रिन्यू करेंगे।
  • बेहतर ब्याज दर पाने का मौका: अगर आपको लगता है कि रिन्यू होने वाली एफडी पर कम ब्याज मिल रहा है, तो आप अपनी राशि को किसी अन्य बैंक में निवेश कर सकते हैं।

लंबी अवधि की एफडी बनाम छोटी अवधि की एफडी

मार्च 2025 से ब्याज दरों में बदलाव के चलते निवेशकों को नई रणनीति अपनानी होगी।

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  • लंबी अवधि की एफडी से बचें: चूंकि ब्याज दरों में बदलाव हो रहे हैं, इसलिए लंबे समय तक फिक्स्ड दरों पर पैसा लॉक करना नुकसानदायक हो सकता है।
  • छोटी अवधि की एफडी चुनें: 1 से 3 साल की एफडी बनाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे आप बार-बार ब्याज दरों का फायदा ले सकते हैं।
  • FD की बजाय अन्य विकल्पों पर विचार करें: म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस योजनाएं, PPF और सुकन्या समृद्धि जैसी स्कीम्स भी बेहतर रिटर्न दे सकती हैं।

एफडी में निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें

  • ब्याज दरों की तुलना करें: अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों को देखकर ही एफडी कराएं।
  • प्रीमैच्योर निकासी के नियमों को समझें: जरूरत पड़ने पर एफडी तोड़ने के लिए बैंक कितना चार्ज लेगा, यह पहले ही जांच लें।
  • TDS बचाने के लिए फॉर्म 15G/15H भरें: अगर आपकी कुल आय टैक्स स्लैब में नहीं आती, तो इन फॉर्म्स को भरकर TDS से बच सकते हैं।
  • रिन्यूअल से पहले ब्याज दरों की जांच करें: अगर एफडी की अवधि पूरी हो रही है, तो नई ब्याज दरें जरूर देखें।

एफडी में निवेश से पहले नई गाइडलाइन्स को समझें

मार्च 2025 से लागू हुए इन नए नियमों का सीधा असर आपके निवेश पर पड़ेगा। ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, टैक्स नियमों में बदलाव, निकासी पर सख्ती और ऑटो-रिन्यूअल में नई शर्तें – ये सभी कारक आपकी एफडी योजना को प्रभावित कर सकते हैं।

अगर आप एफडी में निवेश करना चाहते हैं, तो नई गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लें। बैंकिंग नियमों में यह बदलाव आपकी बचत और निवेश रणनीति को बदल सकता है, इसलिए किसी भी नए निवेश से पहले सही जानकारी हासिल करें और समझदारी से निर्णय लें।

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Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

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