Home Loan EMI – अगर आपने होम लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक शानदार खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है, जिससे होम लोन की ब्याज दरों में गिरावट आ गई है। इस बदलाव का सीधा फायदा लाखों लोगों को मिलेगा, क्योंकि इससे उनकी EMI कम हो जाएगी और लंबे समय में लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
रेपो रेट कम होने का क्या असर पड़ेगा
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब RBI इस दर को कम करता है, तो बैंक भी सस्ते में कर्ज लेने लगते हैं और वे ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर करते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। रेपो रेट 6.50% से घटाकर 6.25% कर दी गई है, जिसका मतलब है कि होम लोन लेने वालों को अब कम ब्याज देना होगा।
EMI में कितनी बचत होगी
अगर आपके पास 75 लाख रुपये का होम लोन है और आप इसे 20 साल के लिए 9% ब्याज दर पर चुका रहे हैं, तो आपकी मौजूदा EMI करीब 67,500 रुपये होगी। लेकिन अगर ब्याज दर 8.75% हो जाती है, तो आपकी EMI कम हो जाएगी या लोन की अवधि घट जाएगी। इस बदलाव से आपको लगभग 5 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है।
कौन लोग उठा सकते हैं इस फायदा
- पुराने होम लोन धारक – जिनका लोन अक्टूबर 2019 के बाद लिया गया था और जो रेपो रेट से जुड़े एक्सटर्नल बेंचमार्क सिस्टम के तहत आता है, उन्हें इसका सीधा फायदा मिलेगा।
- नए लोन लेने वाले ग्राहक – अगर आप नया होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह सबसे सही समय हो सकता है, क्योंकि अभी ब्याज दरें कम हैं।
- फ्लोटिंग रेट होम लोन वाले लोग – जिनका होम लोन फ्लोटिंग रेट पर है, उनकी EMI खुद-ब-खुद कम हो जाएगी।
- फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहक – अगर आपने फिक्स्ड ब्याज दर पर लोन लिया है, तो आपको तुरंत कोई फायदा नहीं मिलेगा, लेकिन आप अपने बैंक से बात करके लोन को फ्लोटिंग रेट में बदलवा सकते हैं।
पुराने होम लोन धारकों को क्या करना चाहिए
अगर आपने अक्टूबर 2019 से पहले होम लोन लिया है और वह मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) पर आधारित है, तो आपको बैंक से संपर्क करना चाहिए और लोन को रेपो रेट लिंक्ड लोन में बदलवाने के विकल्प पर विचार करना चाहिए। इससे आपको भी ब्याज दर में कटौती का फायदा मिलेगा।
लोन ट्रांसफर का भी है विकल्प
अगर आपका बैंक कम ब्याज दर का लाभ नहीं दे रहा है, तो आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं, जहां कम ब्याज दर मिल रही हो। इस प्रक्रिया को बैलेंस ट्रांसफर कहते हैं, और इससे आपको अच्छा खासा फायदा हो सकता है।
EMI घटेगी या लोन की अवधि कम होगी
बैंकों की नीति के अनुसार, ब्याज दर कम होने पर वे या तो आपकी EMI कम कर सकते हैं या फिर लोन की अवधि घटा सकते हैं। आमतौर पर, बैंक EMI को कम नहीं करते, बल्कि लोन की अवधि को छोटा कर देते हैं, जिससे आपका कर्ज जल्दी खत्म हो जाता है और ब्याज में बचत होती है।
होम लोन सस्ता होने के अन्य फायदे
- नई प्रॉपर्टी खरीदना होगा आसान – कम ब्याज दरों का मतलब है कि लोग अब पहले से ज्यादा कर्ज ले सकते हैं, जिससे मकान खरीदना आसान हो जाएगा।
- बजट पर कम असर – EMI घटने से हर महीने आपकी जेब पर कम बोझ पड़ेगा, जिससे अन्य खर्चों को मैनेज करना आसान होगा।
- रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा – ब्याज दरों में कटौती से मकान खरीदने वालों की संख्या बढ़ेगी, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में भी तेजी आएगी।
क्या आपको अभी होम लोन लेना चाहिए
अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है, क्योंकि ब्याज दरें कम हैं। हालांकि, लोन लेने से पहले अपने बजट, मासिक आय और खर्चों का ध्यान जरूर रखें। साथ ही, अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें और जहां सबसे कम ब्याज मिल रहा हो, वहां से लोन लें।
होम लोन लेने वालों के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं है। ब्याज दर कम होने से EMI घटेगी और लंबे समय में लाखों रुपये की बचत होगी। अगर आप पहले से होम लोन चुका रहे हैं, तो अपने बैंक से बात करें और इस मौके का पूरा फायदा उठाएं। वहीं, अगर आप नया होम लोन लेना चाहते हैं, तो यह सबसे अच्छा समय हो सकता है।
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