7th Pay Commission Pension Rule – अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत मिलने वाली ग्रेच्युटी और पेंशन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए बेहद अहम है जो अपनी सेवा पूरी करने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी पर निर्भर रहते हैं। अगर नए नियमों का पालन नहीं किया गया तो कर्मचारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नए नियमों का पालन करना होगा जरूरी
सरकार की ओर से जारी नए निर्देशों के अनुसार, अब कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में अधिक सतर्क रहना होगा। अगर कोई भी कर्मचारी अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता का दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है। यह नियम उन कर्मचारियों पर भी लागू होगा जो सेवानिवृत्ति के बाद किसी जांच या विभागीय कार्रवाई के दायरे में आते हैं।
सरकार ने जारी किए सख्त दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के तहत एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में कुल आठ बड़े बदलाव किए गए हैं, जो कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़े हैं।
- अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई: अगर किसी कर्मचारी को सेवा के दौरान गंभीर अपराध या कदाचार का दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी को जब्त किया जा सकता है।
- नियुक्ति प्राधिकरण का अधिकार: ग्रेच्युटी और पेंशन रोकने का अधिकार नियुक्ति करने वाले अधिकारी को दिया गया है।
- कैग को भी अधिकार: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को भी दोषी कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार होगा।
- संविदा कर्मचारियों पर भी लागू: यह नियम सिर्फ स्थायी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संविदा (Contract) पर काम कर रहे कर्मचारियों पर भी लागू होगा।
- जांच के दौरान भी होगा लागू: अगर कर्मचारी के खिलाफ कोई जांच सेवा के दौरान चल रही थी और रिटायरमेंट के बाद भी जारी रहती है, तो सरकार पेंशन और ग्रेच्युटी पर रोक लगा सकती है।
- संपत्ति जब्त करने का प्रावधान: अगर कोई कर्मचारी सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन के साथ-साथ अन्य लाभों पर भी रोक लग सकती है और उससे वसूली की जा सकती है।
- UPSC से लेनी होगी सलाह: पेंशन रोकने का अंतिम निर्णय लेने से पहले संबंधित विभाग को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से सलाह लेनी होगी।
- न्यूनतम पेंशन सीमा: अगर किसी कर्मचारी की पेंशन 9,000 रुपये प्रति माह से कम है तो उसे रोकने की संभावना नहीं होगी।
किन कर्मचारियों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान
यह नियम खासतौर पर उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होंगे जो अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता या किसी भी तरह के आर्थिक अनियमितता में लिप्त पाए जाते हैं। यदि कोई कर्मचारी किसी विभागीय जांच या न्यायिक प्रक्रिया में दोषी साबित होता है, तो सरकार उसके पेंशन और ग्रेच्युटी लाभ रोक सकती है।
सरकार क्यों कर रही है यह सख्ती
सरकार का मानना है कि इस कदम से सरकारी विभागों में अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह नियम उन कर्मचारियों के लिए चेतावनी के रूप में भी काम करेगा जो अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं।
पेंशन और ग्रेच्युटी पर रोक से बचने के लिए क्या करें
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और नहीं चाहते कि आपकी पेंशन और ग्रेच्युटी पर कोई रोक लगे, तो आपको इन नियमों का पालन करना होगा:
- अपनी सेवा के दौरान किसी भी अनुशासनहीनता या अनियमितता से बचें।
- सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करें।
- किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या गलत गतिविधियों से दूर रहें।
- अपने कार्यक्षेत्र में किसी भी गैर-कानूनी गतिविधि में लिप्त न हों।
- यदि किसी जांच या विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़े तो पूरी ईमानदारी से सहयोग करें।
7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़े नए नियमों ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। यह नियम खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका है जो सेवा के बाद मिलने वाले इन लाभों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में, यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं तो आपको इन नियमों को गंभीरता से लेना चाहिए और अपनी सेवा अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता से बचना चाहिए। अन्यथा, सेवानिवृत्ति के बाद आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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