Tax for Senior Citizens 2025- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में बुजुर्गों और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। इस बजट में टैक्स से जुड़े कई अहम ऐलान किए गए हैं, जिनका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह बजट बेहद फायदेमंद साबित होने वाला है। सरकार ने टैक्स से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की हैं, जिससे टैक्स देनदारी कम होगी और लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा।
टीडीएस की सीमा 10 लाख रुपये तक
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत का ऐलान करते हुए कहा कि अब टीडीएस की सीमा को 10 लाख रुपये तक कर दिया गया है। पहले यह सीमा काफी कम थी, जिससे बुजुर्गों को ज्यादा टैक्स देना पड़ता था। अब इस बदलाव से उन्हें टैक्स में छूट मिलेगी और उनकी बचत बढ़ेगी।
इसके अलावा, ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को भी दोगुना कर दिया गया है। पहले यह सीमा 50,000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को अब बैंक या पोस्ट ऑफिस की एफडी और अन्य निवेशों से मिलने वाले ब्याज पर ज्यादा राहत मिलेगी।
चार साल तक अपडेटेड रिटर्न भर सकेंगे बुजुर्ग
अब वरिष्ठ नागरिक चार साल तक अपडेटेड रिटर्न भर सकेंगे। पहले यह सीमा केवल दो साल की थी। इस फैसले से उन बुजुर्गों को फायदा मिलेगा, जो समय पर अपना टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए या फिर कोई गलती कर दी थी। अब वे चार साल के अंदर इसे सही कर सकते हैं।
12 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं
बजट 2025 में मध्यम वर्ग के लिए भी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। अब 12 लाख रुपये तक की सलाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा रहेगा और उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।
नई इनकम टैक्स स्लैब
सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया है, जिससे लोगों को टैक्स बचाने में मदद मिलेगी। नई टैक्स स्लैब इस प्रकार होगी
- 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
- 4 से 8 लाख रुपये तक 5 फीसदी टैक्स
- 8 से 12 लाख रुपये तक 10 फीसदी टैक्स
- 12 से 16 लाख रुपये तक 15 फीसदी टैक्स
- 16 से 20 लाख रुपये तक 20 फीसदी टैक्स
- 20 से 24 लाख रुपये तक 25 फीसदी टैक्स
- 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स
इस बदलाव से मध्यम वर्गीय करदाताओं को सीधा फायदा होगा। खासतौर पर 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोग अब पूरी तरह टैक्स फ्री हो जाएंगे, जिससे उनके पास ज्यादा पैसा बचेगा।
राष्ट्रीय बचत योजना से निकासी पर कोई टैक्स नहीं
वित्त मंत्री ने बजट 2025 में राष्ट्रीय बचत योजना यानी एनएसएस खातों से निकासी पर टैक्स छूट देने का ऐलान किया है। यह राहत अगस्त 2024 के बाद से लागू होगी। इस फैसले से उन लोगों को फायदा मिलेगा, जिन्होंने अपना पैसा इस योजना में निवेश कर रखा है। अब वे अपनी जमा राशि को बिना किसी अतिरिक्त टैक्स के निकाल सकते हैं।
किराए पर टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई
सरकार ने किराए पर टीडीएस की सीमा को भी बढ़ा दिया है। पहले यह सीमा 2.40 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो किराए पर मकान देते हैं। अब उन्हें कम टीडीएस कटौती का सामना करना पड़ेगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
धन प्रेषण (रिपेट्रिएशन) पर टीसीएस की सीमा बढ़ी
भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण योजना यानी एलआरएस के तहत विदेश में पैसे भेजने पर टीसीएस की सीमा को बढ़ा दिया गया है। पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा, जो विदेश में अपने परिवार के सदस्यों को पैसे भेजते हैं या फिर विदेश में शिक्षा और अन्य कारणों से भुगतान करते हैं।
नॉन-पैन मामलों पर ही लागू होंगे ऊंची टीडीएस दरें
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ऊंची टीडीएस कटौती के नियम केवल उन मामलों में लागू होंगे, जहां पैन उपलब्ध नहीं होगा। इससे टैक्सपेयर्स को अनावश्यक टैक्स कटौती से राहत मिलेगी।
बजट 2025 से मध्यम वर्ग और बुजुर्गों को क्या फायदा मिलेगा
- वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा बचत – ब्याज आय पर कर छूट की सीमा बढ़ने से बुजुर्गों के पास ज्यादा पैसा बचेगा।
- मध्यम वर्ग की जेब होगी भारी – 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे आम आदमी की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
- रेंटल इनकम पर टैक्स का बोझ कम – किराए पर टीडीएस सीमा 6 लाख रुपये होने से मकान मालिकों को फायदा होगा।
- एनएसएस निकासी पर टैक्स फ्री – राष्ट्रीय बचत योजना से पैसा निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
- विदेश में पैसे भेजना हुआ आसान – टीसीएस की सीमा बढ़ने से विदेश में पैसे भेजने वालों को राहत मिलेगी।
बजट 2025 में सरकार ने बुजुर्गों और मध्यम वर्ग के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं, जो उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। खासतौर पर 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट और ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को 1 लाख रुपये करने जैसे फैसले लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। राष्ट्रीय बचत योजना से निकासी पर टैक्स छूट और किराए पर टीडीएस की सीमा बढ़ाना भी एक सकारात्मक कदम है। कुल मिलाकर, यह बजट मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद साबित होने वाला है।
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