Savings Account – अगर आप बैंक खाते में पैसा जमा करते हैं या फिर निकासी करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स के नए नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। सरकार ने बैंकिंग लेनदेन से जुड़े कुछ अहम नियमों में बदलाव किए हैं, जिनका असर सभी बैंक खाता धारकों पर पड़ेगा। इन नियमों को लागू करने का उद्देश्य वित्तीय लेनदेन को पारदर्शी बनाना और टैक्स चोरी पर अंकुश लगाना है।
अगर आप एक साल में बहुत ज्यादा नकद जमा करते हैं या निकालते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। ऐसे में आपको यह बताना होगा कि आपके पास यह पैसा कहां से आया है। आइए जानते हैं कि इन नियमों के तहत आपके लिए क्या-क्या जानना जरूरी है।
बैंक खाते में जमा करने की सीमा
बैंक में नकद जमा करने की एक सीमा निर्धारित की गई है। अगर आप एक दिन में 50,000 रुपये से ज्यादा की नकद जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड देना अनिवार्य होता है। अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको फॉर्म 60/61 भरकर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि सरकार को आपके लेनदेन की सही जानकारी मिल सके और बड़े लेनदेन पर इनकम टैक्स विभाग नजर रख सके। इससे यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि जमा की गई राशि किसी गैरकानूनी गतिविधि से जुड़ी नहीं है।
सालभर में 10 लाख से ज्यादा जमा करने पर नोटिस
अगर आप अपने बैंक खाते में एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) के दौरान 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी स्वत: मिल जाती है। बैंक इस लेनदेन की रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को भेजता है।
अगर आपको इस तरह का कोई नोटिस मिलता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपको बस यह साबित करना होगा कि आपके पास यह पैसा कहां से आया और इसका स्रोत क्या है। अगर आपकी सालाना आय अधिक है और आपने यह पैसा सही तरीके से कमाया है, तो आपको टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप इस रकम के स्रोत की जानकारी नहीं दे पाते हैं, तो आपको विभागीय जांच का सामना करना पड़ सकता है।
नोटिस आने पर क्या करें
अगर इनकम टैक्स विभाग आपकी नकद जमा या निकासी पर सवाल उठाता है, तो आपके पास अपने लेनदेन का पूरा रिकॉर्ड होना चाहिए। आप अपने बैंक स्टेटमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की मदद से अपने पैसे के स्रोत को साबित कर सकते हैं।
अगर आपने कोई संपत्ति बेची है और उसके बदले में नकद पैसा मिला है, तो उसके दस्तावेज भी आपके पास होने चाहिए। ऐसे मामलों में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।
बैंक से नकद निकासी की सीमा
बैंक से नकद निकासी की भी एक सीमा तय की गई है। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 269ST के तहत, एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि किसी एक व्यक्ति से प्राप्त करना या किसी को देना प्रतिबंधित है। इसका मतलब यह हुआ कि आप एक दिन में किसी एक व्यक्ति को 2 लाख रुपये से ज्यादा नकद नहीं दे सकते, चाहे वह एक बार में हो या अलग-अलग ट्रांजैक्शन में।
एक वित्तीय वर्ष में जमा या निकासी की सीमा
एक वित्तीय वर्ष में बचत खाता (Savings Account) में नकद जमा या निकासी की भी एक सीमा तय की गई है। यह सीमा 10 लाख रुपये तक होती है। अगर आप इस सीमा से ज्यादा नकद लेनदेन करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना इनकम टैक्स विभाग को देता है।
अगर आप चालू खाता (Current Account) रखते हैं, तो नकद जमा और निकासी की सीमा अधिक होती है। चालू खाते के मामले में यह सीमा 50 लाख रुपये तक हो सकती है।
10 लाख से ज्यादा की जमा राशि पर बैंक की रिपोर्टिंग
अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो बैंक इसकी रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को भेजता है।
अगर आपका खाता चालू खाता है और आप उसमें 50 लाख रुपये से ज्यादा की नकद जमा या निकासी करते हैं, तो भी बैंक इसकी जानकारी सरकार को देगा। इस तरह के लेनदेन को हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन (High-Value Transactions) माना जाता है और इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दी जाती है।
बैंक आयकर विभाग को जानकारी क्यों देता है
बड़े नकद लेनदेन को मॉनिटर करने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए सरकार ने यह नियम लागू किया है। आयकर अधिनियम, 1962 के सेक्शन 114B के तहत बैंक और वित्तीय संस्थान ऐसे सभी लेनदेन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देते हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी बड़े वित्तीय लेनदेन की सही जानकारी सरकार के पास हो और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की समय पर जांच की जा सके।
नकद लेनदेन के लिए महत्वपूर्ण नियम
- 50,000 रुपये से अधिक जमा करने पर पैन कार्ड जरूरी।
- 10 लाख रुपये से अधिक जमा करने पर इनकम टैक्स विभाग को जानकारी।
- एक दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा नकद लेना या देना प्रतिबंधित।
- बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा या निकासी करने पर बैंक रिपोर्ट करता है।
- चालू खाते में 50 लाख रुपये से अधिक जमा या निकासी पर बैंक इनकम टैक्स विभाग को सूचित करता है।
इन नियमों का उद्देश्य क्या है
सरकार का उद्देश्य इन नियमों के माध्यम से वित्तीय लेनदेन को पारदर्शी बनाना और टैक्स चोरी पर रोक लगाना है। कई लोग बैंकिंग प्रणाली का गलत उपयोग करके बिना टैक्स चुकाए बड़ी रकम का लेनदेन करते हैं। इन नियमों के कारण अब सभी बड़े लेनदेन की जानकारी सरकार तक पहुंचती है और टैक्स चोरी को रोका जा सकता है।
अगर आप बैंक खाते में पैसा जमा कर रहे हैं या निकाल रहे हैं, तो आपको इनकम टैक्स के नए नियमों की जानकारी होनी चाहिए। एक दिन में 50,000 रुपये से ज्यादा नकद जमा करने पर पैन कार्ड जरूरी है, जबकि एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा करने पर इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट भेजी जाती है। इसी तरह, एक दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा नकद लेने-देने पर प्रतिबंध है।
इन नियमों का पालन करने से न केवल आप किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बच सकते हैं, बल्कि इससे आपका वित्तीय लेनदेन भी पारदर्शी रहेगा। अगर आपको इन नियमों को समझने में कठिनाई हो रही है, तो किसी वित्तीय विशेषज्ञ या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।