Fixed Deposit Interest Rate – अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा सेविंग अकाउंट में भी सुरक्षित रहे और साथ ही आपको ज्यादा ब्याज भी मिले, तो आपके लिए बैंक की ऑटो-स्वीप फैसिलिटी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। आमतौर पर सेविंग अकाउंट पर 3 से 6 फीसदी तक ब्याज मिलता है, जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD पर ब्याज दर इससे अधिक होती है। लेकिन क्या हो अगर आपको सेविंग अकाउंट में जमा पैसे पर भी FD जितना ब्याज मिल जाए बिना किसी अतिरिक्त झंझट के। यही काम करती है ऑटो-स्वीप फैसिलिटी।
ऑटो-स्वीप फैसिलिटी क्या है
ऑटो-स्वीप एक बैंकिंग सुविधा है जिसमें आपके सेविंग अकाउंट में जमा एक निश्चित सीमा से अधिक रकम को ऑटोमेटिक रूप से फिक्स्ड डिपॉजिट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस पर आपको सेविंग अकाउंट से अधिक ब्याज मिलता है, जो कि FD की ब्याज दर के करीब होता है। जब भी आपको पैसे की जरूरत होती है, यह राशि अपने आप आपके सेविंग अकाउंट में वापस आ जाती है, जिससे आपको FD तोड़ने या किसी अन्य प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ती।
उदाहरण के तौर पर, यदि आपने अपने बैंक में 20,000 रुपये की लिमिट सेट कर रखी है और आपके अकाउंट में 30,000 रुपये हो जाते हैं, तो अतिरिक्त 10,000 रुपये FD में बदल दिए जाएंगे।
किन बैंकों में उपलब्ध है यह सुविधा
हर बैंक में इस सुविधा का नाम अलग-अलग हो सकता है। कुछ प्रमुख बैंकों में इस सुविधा को अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
- SBI (भारतीय स्टेट बैंक) – इसमें इसे सेविंग प्लस अकाउंट कहा जाता है। इसमें 100 रुपये के गुणकों में राशि स्वीप-इन डिपॉजिट में चली जाती है।
- HDFC बैंक – इसे स्वीप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट कहा जाता है।
- ICICI बैंक – इस फैसिलिटी का नाम फ्लेक्सी डिपॉजिट रखा गया है।
- Axis बैंक – इसमें इसे ऑटो-स्वीप डिपॉजिट कहा जाता है।
- PNB (पंजाब नेशनल बैंक) – इसमें इसे Sampatti Sweep Account के नाम से जाना जाता है।
कौन ले सकता है इस सुविधा का लाभ
यह सुविधा हर बैंक ग्राहक के लिए उपलब्ध नहीं होती। कुछ शर्तें पूरी करने के बाद ही ग्राहक इसका लाभ उठा सकते हैं।
- अधिकतर बैंकों में इस फैसिलिटी का लाभ उठाने के लिए कम से कम 25,000 रुपये की FD ओपन करनी होती है।
- कुछ बैंकों में न्यूनतम बैलेंस मेन्टेन करना जरूरी होता है।
- कई बैंकों में यह सुविधा सिर्फ प्रीमियम या सैलरी अकाउंट ग्राहकों के लिए उपलब्ध होती है।
ऑटो-स्वीप फैसिलिटी के फायदे
- ज्यादा ब्याज – इसमें सेविंग अकाउंट से अधिक ब्याज मिलता है जो कि FD की दर के करीब होता है।
- इमरजेंसी के लिए बेहतरीन – अगर जरूरत पड़ने पर आपको पैसे निकालने की जरूरत होती है, तो यह रकम आसानी से आपके सेविंग अकाउंट में वापस आ जाती है।
- कोई पेनल्टी नहीं – अगर आप स्वीप-इन डिपॉजिट में जमा राशि को निकालते हैं, तो इस पर कोई पेनल्टी या अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता।
- बैलेंस पर ब्याज – अगर आपके अकाउंट से पैसे कम हो जाते हैं, तो बचे हुए अमाउंट पर भी ऑटो-स्वीप दर के हिसाब से ब्याज मिलता रहता है।
किन बातों का रखें ध्यान
- हर बैंक में इस फैसिलिटी की ब्याज दर अलग होती है, इसलिए बैंक के नियम और ब्याज दरों की तुलना जरूर करें।
- कुछ बैंक इस सुविधा पर छोटी अवधि की FD क्रिएट करते हैं, जिससे ब्याज दरें सामान्य FD से थोड़ी कम हो सकती हैं।
- कुछ मामलों में अगर बार-बार स्वीप-इन और स्वीप-आउट ट्रांजैक्शन होते हैं, तो बैंक कुछ शर्तें लागू कर सकते हैं।
- यह फैसिलिटी उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो अपने सेविंग अकाउंट में अधिक बैलेंस रखना पसंद करते हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट का भी लाभ उठाना चाहते हैं।
ऑटो-स्वीप फैसिलिटी कैसे शुरू करें
- अपने बैंक की शाखा में जाएं और इस सुविधा के लिए अनुरोध करें।
- बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या नेट बैंकिंग से भी यह सुविधा शुरू कर सकते हैं।
- बैंकिंग ऐप के जरिए भी कई बैंक इस सुविधा को ऑन करने का ऑप्शन देते हैं।
- बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क कर इस फैसिलिटी की पूरी जानकारी लें।
अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में ज्यादा ब्याज पाना चाहते हैं और बिना किसी परेशानी के FD का लाभ उठाना चाहते हैं, तो ऑटो-स्वीप फैसिलिटी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल आपके पैसों को बढ़ाने में मदद करता है बल्कि जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसे उपलब्ध कराने का भी एक शानदार तरीका है। हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने से पहले आपको बैंक के नियम और ब्याज दरों की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।